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  1. मै इतना अच्छा बोलता नहीं था जितना अच्छा वह सुनती थी.वो इतनी भोली थी की सुनते वक़्त उसका चेहरा किसी लुप्त हुए( endangered) पांडा के बच्चे जैसा हो जाता था . मै बोलता रहता और उसकी पलके झपकती रहती ..मानो समझने की पूरी कोशिश हो रही हो.. उसे उलझाये रखने की मै भरपूर कोशिश करता और हर बात सोच सोच सोच कर बोलता ताकि मै उसके भोले भाले चहरे को देखता रहू

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