why is it that we refer to our nations cinema as 'bollywood'
why not refer to the many dialects of cinema and its regions...
Hindi cinema, Telegu cinema. Bjojpuri Cinema sounds good as well. Tollywood , Kollywood ..lol!!!!
उनके किताब के पन्नो के बीच कागज़ का एक टुकड़ा छिपा कर रख देते.. रात को जब वो अपना बस्ता पढने के लिए खोलती तो उसे वो कागज़ का वह टुकड़ा मिलता जिसमे दिल की बात लिखी गयी है, तब जाकर शायद प्यार की नैय्या आगे बढ़ती .और अगर यह टास्क सुच्सस्स्फुल हो जाता ..या फिर वही रूक जाता ..
रात को लड़के का "telephone" आता है.
drawing रूम में बैठी निशा डैड को कहती " डैड बहुत दिन हो गए न्यूज़ नहीं देखा .
अपनी बिटिया को आश्चर्य भरे नज़रो से देकते या फिर ऐसा कोई शो देखने का जिद करती जो वो पसंद नहीं करते और खुद ही उठ कर चले जाते है.
अब वो telephone के बगल बैटी उसके कॉल का इंतज़ार करती है .
घडी की दोनों सुईया आपस में मिल चुकी है पर कॉल नहीं आता .
उधर लड़के को जो अक्सर( राज रवि अमित या सेम) होता है
डर होता है की "telephone" उनके पिताजी उठानएंगे या उनकी स्वीटहॉट
" सुनो तुम मुझे आज के बाद से अपने घर के नज़दीक "सिक्केवाले फ़ोन" से फ़ोन मत करना ..
डैड ने कालर ईडी लगा दिया है..
इसमें सब के नंबर आ जाते है .
फिर लड़का कागज़ में पत्थर डाल कर उसके खिड़की की ओर फेकता है
और टास्क successful हो जाता है ..या फिर वही रूक जाता है .
काश उस ज़माने में मोबाइल होता . वह sms करता जो ठीक (निशा, रीमा या कह लीजिये रिधिमा) के जींस के पीछे वाले पोकेट में vibration करता -"स्वीट कैन वी टॉक ?
इस्त्री करने वाला ठीक मेरे घर के पास एक पेढ़ के नीचे इस्त्री करता था . रेडियो पर अक्सर ८० के दशक के गाना सुनता था. शीशा हो या दिल हो आखिर टूट टूट जाता है ...."पेढ़ के नीचे कपडे प्रेस करने के कारण पेढ़ से गिरि पत्तिया मेरे पैंट से चिपक जाती थी. उसकी पत्नी भी बड़ी मरियल सी थी और देख कर लगता नहीं था कि ७ किलो का भारी भरकम कोयले का प्रेस उठा भी सकती है. ज्यादा देर उसे देखू तो डर लगता था कि कही प्रेस मेरे गाल से ना चिपका दे -------------------------------------------------
Expression of sangarshful romanticism
मन है कि तुम्हे मै साइकल पर आगे बिठाकर हर भरे जनपथ पर साथ घुमाऊ ..इंडिया गेट दिखाऊ साइकल चलाते चलाते जब में हाफ़ने लगू तो मेरे गर्म सासों कि आवाज़ तुम्हारे कानो में पहुचे .....हफ -फ -फ-हफ -फ -फ --------------------------------------------------------------------
gtalk के खिड़की में तुम्हारा वेट कर रहा हूँ ..बाते बहुत लिखता हूँ पर इंटर दबाने से पहेले कण्ट्रोल a कण्ट्रोल x करना आदत बन गयी है..
new mac os
तुम में और मुझे में कितना अंतर है ...
में किसी मै थके हुए बल्ब की मद्धम रोशनी मे..गर्मी में सढ़ रहा window 2000 हूँ और तुम किसी डिजाईन स्टूडियो के spotlight के निचे रखी हुई new apple mac system हो. तुम हर काम आसानी से कर लेती हो और मै जिन्दगी के हर राह मै अटक अटक कर चलता हूँ . तुम देखने मै कितनी सुन्दर और गोरी हो .
nice post...thanks for sharing....
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