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  1. उम्र हो चली है.चीज़े इधर उधर रख कर भूल जाता हूँ. हाल में मैंने अपना तीन साल पुराना सोन ग्लास खोया ..gyming को हेमियत देना लगा हूँ..अकेलेपन का इन्वेस्टमेंट करने लगा हूँ. दोस्तो के फोटो का बेक up बनाता हूँ . कंप्यूटर की भी मेरी तरह उम्र होंने लगी है .



  2. Powerpoint has produced more bad design in its day that perhaps any other digital tool in history

  3. gtalk के खिड़की में तुम्हारा वेट कर रहा हूँ ..बाते बहुत लिखता हूँ पर इंटर दबाने से पहेले कण्ट्रोल a कण्ट्रोल x करना आदत बन गयी है.


  4. घर की दीवार पर switzerland की पहाड़ीयो वाला पोस्टर या फलो की टोकरी वाला पोस्टर.. टीवी के ऊपर रखा landline फ़ोन. सोफे पर चडी पन्नी जिस पर बैठते ही जमी हुई हवा फुंकार मारकर बाहर निकलती है .जमीन पर " welcome" लिखा हुआ matt बिछा हुआ है. मुझे उन्नीस सो नबे (१९९०) का मद्यमवर्गीय घर का दृश्य नजर आ रहा है


  5. तुम्हारे सुन्दर हाथ menu card के rate list को ढक कर यही कहते है : अब जो पसंद है बताओ मुझे



  6. अचानक से एहसास हुआ की मेरी उम्र हो चली है. Flirting भी subtle हो चुकीं है. वो फ़ोन नहीं करती तो मै नाराज़ नहीं होता कभी कभी "thank God " निकल जाता है.. बार बार चाय पिने का मन करता है..JOGGING से WALKING को बेहतर बताने लगा हूँ..मै वाकई में बाबु बन गया हूँ.
                                                                                                        

  7. मेरे दादाजी के पास इतनी बड़ी लाठी थी के जब बारिश नहीं होती तो वो बादल को खनका खनका के बारिश करवाते थे . चिक्केन के शौकीन, हड्डी के उपर चड़ा मॉस खाने के बाद हड्डी के अन्दर जमे मॉस को भी चूस चूस कर खाते थे.