ऐसा क्यों होता है
जब हमे बहुत तेज़ भूख लगती है तब वाकई में subway का high resolution burger वाला पोस्टर tasty लगता है और लिखे हूए दाम पे ध्यान भी नहीं जाता .
और जब भूख होश नहीं उड़ाती है तो सीधे likhe price pe ध्यान जाता है और लिप्स सिकोड़ कर यही कहते है " चल न इतना छोटा सा burger" कौन खायेगा ?
यह चीज़े प्रीती, रीना जैसे लोग ही खाते होंगे
जब हमे बहुत तेज़ भूख लगती है तब वाकई में subway का high resolution burger वाला पोस्टर tasty लगता है और लिखे हूए दाम पे ध्यान भी नहीं जाता .
और जब भूख होश नहीं उड़ाती है तो सीधे likhe price pe ध्यान जाता है और लिप्स सिकोड़ कर यही कहते है " चल न इतना छोटा सा burger" कौन खायेगा ?
यह चीज़े प्रीती, रीना जैसे लोग ही खाते होंगे
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